"वोटर क भाग म कथगा रम" Jitendra Rai नेगी जी कु गीत हाथन हुसकी पिलाई, फूलन पिलायो रम.. याद त होलु तुमथें ? एक पट्ट छौ वे गीत म " पैली नि छौ पता अब चलिगे, वोट की चोट म कथगा दम।" अर बेदम ह्वे गे छौ गीत क वीडियो म एक्टर। अब चुनौ छिन परदनी क, वी डी सी मेम्बर क अर जिला पंचायत सदस्य क। प्रसिद्ध गढ़ लेखक राकेश मोहन थपलियाल जी कु आज कु सटीक व्यंग्य कि देरादूण द्वी चार बस भेजा अर चुनौ जीत ल्या, पैड़ी के गौं कि चुनावी बयार अर बुखार पर लिखणो कु मन ह्वे गे। ||Jitendra Rai|| भले ही अपड़ा भुला क ब्यो म नि बुलालु तुमथें क्वी, अबरी जरूर न्यूतु आलू। जरूर जयाँ। बस लगणी च। तुमरा घौरको संगुल कब भटी नि खोलि कैल। कण्डलि भी जमीं होली। दिनरात देरादूण ,कोटद्वार, दिल्ली म गर्मी से भी बेहाल ह्वाला अर उदास विदास भी काम क बोझ से। पिकनिक भी नि गै ह्वाला कब भटी। सुनसान हुयां छन गौं। तुम ऐला त गौं म रौनक राली कुछ दिन। तुम थें पता चललू कि कुछ भै बन्द अज्यू भी छीन गौं म। तुम हिंदी नि झड़याँ, न अंग्रेजी न पंजाबी, बस अपड़ी मातृभाषा म बोल्यां। तुमथें उ विदेशी यात्री ह्वेन साँग नि समझला। सबका भाग अ...
"एक बिस्कुट, एक रोटी के लिए यह मधुरिमा" Jitendra Rai अद्भुत!अविश्वसनीय!!अकल्पनीय!!! "तेरी मेरी तेरी मेरी...." आवाज कानों में पड़ते ही आंखें बंद होने लगतीं हैं और कानों में शहद सा घुलने लगता है। मुख से वाह, बेमिशाल स्वतः प्रस्फुटित होने लगता है। यह कहानी है रानू मण्डल की, जो वर्षों खुद से अनभिज्ञ थीं। उनके सुरमई कंठ की क्या पराकाष्ठा हो सकती है, इस बात से बिल्कुल बेख़बर। पश्चिम बंगाल के राणाघाट रेलवे स्टेशन पर बैठकर वह गातीं थीं, सिर्फ एक बिस्कुट, रोटी और चंद सिक्कों के लिये। सुनकर ही आंखें भर आतीं हैं। एक वीडियो के वायरल हो जाने से दुनिया की निगाहों में आईं और करोड़ों हृदयों में उतर गईं। अब वह एक सेलिब्रिटी बन गईं हैं, कई टी वी शोज में उन्हें आमंत्रित किया जा रहा है। हिमेश रेशमिया ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया है उनका जिसमें वह तेरी मेरी तेरी मेरी, तेरी मेरी कहानी.... गाना रिकॉर्ड करते हुए दिखाई दे रहीं हैं।। नमन आपको। "जीत" की शुभकामनाएं। @ Jitendra Rai " Jeet"